रूह की खिदमत करना जानते हो तुम ,तो अभी कुछ बाकि है तुममें
परायों के गम को अपना बनाना जानते हो तुम ,तो अभी कुछ बाकि है तुममें
अपनी ज़िन्दगी की मकसद से रूबरू हो तुम , तो समझ लेना अभी कुछ बाकि है तुममें
अभी भी उन अनकहे लफ़्ज़ों की इंतज़ार में हो तुम , तो अभी कुछ बाकि है तुममें
Sahi ja rhe bhaIya..😊😊
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