Wednesday, 2 August 2017








खोल अपने पंख आसमान को छूना सीखो ,
 
हर पल को आखरी मान, उसको जीना सीखो, 

कभी डर लगे, तो आँखें बंद कर अपनी अहसास को जगाना सीखो 

हर अँधेरे पलों को अपनी रौशनी से जगमगाना सीखो ,

अपनी आकांक्षाओं को दो अपनी काबिलियत की उड़ान 

और 

उन्ही पंखों को खोल ,आसमान को छूना सीखो।

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